शंकर पीठ पुरी के अधीन आने वाले बंग्लादेश के हिन्दुओं के धन, धर्म व जीवन की रक्षा हेतु।

सनातनधर्मन्यास संसार का सबसे मुखर हिन्दू संगठन है जो सनातन धर्म के प्रसार और संरक्षण के लिए काम करता है। यह संगठन सनातन धर्म के मूल्यों और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करता है। इस संगठन की सदस्यता संसार भर के हिन्दुओं के लिए खुली है, तथा धर्मनिष्ठ हिन्दुओं को इसकी सदस्यता नि:शुल्क दी जाती हैं।

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बंग्लादेश में हुए राजनैतिक उथल-पुथल से वहां निवास करने वाले हिन्दुओं पर हो रहे मुहम्मदवादी जिहादी आक्रमण को भी सनातन धर्म न्यास द्वारा मुखरता पूर्वक विभिन्न मंचों पर उठाया जा रहा है।
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इसी क्रम में सनातन धर्म न्यास के संस्थापक पूज्य गुरुदेव श्री धर्मप्रकाश मिश्र जी ने शंकर मत के सर्वोच्च गुरु श्री निश्चलानंद सरस्वती जी को खुला पत्र लिखकर कर्तव्य बोध कराया है, तथा उनसे अपने समर्थकों के साथ बंग्लादेश कूच करने का आह्वान किया है।
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अपने पत्र में श्री धर्मप्रकाश मिश्र जी ने लिखा है कि
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सेवा में,
आदरणीय श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज
वर्तमान आचार्य श्री शंकरमठ पीठ, पुरी, ओडिशा
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विषय : शंकर पीठ पुरी के अधीन आने वाले बंग्लादेश के हिन्दुओं के धन, धर्म व जीवन की रक्षा हेतु।
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सविनय निवेदन है कि लगभग 26 सौ वर्ष पहले शंकर मत के संस्थापक गुरु शंकराचार्य ने धर्म की रक्षा हेतु भारतीय उपमहाद्वीप के भू-भाग को चार भागों में बांटकर चार दिशाओं में चार शंकर मठ स्थापित किए थे, और उन शंकर मठों पर चार आचार्य नियुक्त किए थे, ताकि वे लोग अपने अपने अधिकार क्षेत्रों में धर्म रक्षा के कार्यो को सुचारू रूप से संचालित करते रहें।


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महोदय निवेदन है कि आप पूर्वाम्नाय श्री गोवर्धन पीठम् या गोवर्धन मठ, पुरी, ओडिशा के वर्तमान आचार्य है, और बंग्लादेश आपके मठ के अधिकार क्षेत्र में आता है, आपको विदित होगा कि बंग्लादेश में हुए राजनैतिक उथल-पुथल के बाद आज के समय में मुहम्मदवादी जिहादियों द्वारा बंग्लादेश में सनातन धर्म को नष्ट किया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, और हिन्दुओं को मारा जा रहा हैं।
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आचार्य श्री आपके वीडियो देखने से ज्ञात हुआ है कि आप गोवर्धन पीठ, पुरी के आचार्य तो है ही, साथ ही आपमें दिव्य आध्यात्मिक सामर्थ्य भी हैं। सनातन धर्म न्यास आपसे निवेदन करता है कि आप अपने मठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले हिन्दुओं की रक्षा हेतु अपने समर्थकों के साथ बंग्लादेश कूच करे, ताकि वहां पर सनातन धर्म संस्कृति को बचाया जा सके, आपको आपके परम गुरु आदि शंकराचार्य जी की शपथ है।
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आशा है कि आप सनातन धर्म न्यास के निवेदन पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देते हुए अपना कर्तव्य निभाएंगे और बंग्लादेशी हिन्दुओं के धन, धर्म व जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
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प्रार्थी
श्री धर्मप्रकाश मिश्र
संस्थापक अध्यक्ष
सनातन धर्म न्यास

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